साम्प्रदायिकता का अर्थ : एक वैश्विक परिदृष्टि (भाग 1)
पी के सिद्धार्थ,
अध्यक्ष,भारतीय सुराज दल
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अंग्रेजी में एक शब्द है 'कम्युनलिज्म' जिसका एक सकारात्मक और एक नकारात्मक अर्थ होता है। इसका एक अर्थ होता है 'सामुदायिक', जैसे, एक 'कम्यूनल किचेन' या सामुदायिक रसोई। कम्यूनल का दूसरा प्रयोग होता है दो धार्मिक या 'एथनिक' समुदायों के बीच तनाव या संघर्ष के सन्दर्भ में। इसी दूसरे नकारात्मक अर्थ में हिंदी का शब्द 'सांप्रदायिक' प्रयुक्त होता है, जो 'communal' का हिंदी पर्यायवाची माना जाता है। लेकिन 'सांप्रदायिक' का प्रयोग भारत में 'एथनिक' संघर्षों के सन्दर्भ में न हो कर दो धार्मिक समुदायों के बीच तनाव या संघर्ष के प्रसंग में ही ज्यादा होता है। उदाहरणार्थ, अगर आसाम में दो कबीलों के बीच संघर्ष हुआ तो उसे 'सांप्रदायिक' संघर्ष नहीं कहेंगे। उसे 'प्रजातीय संघर्ष' कह सकते हैं। अर्थात 'सांप्रदायिक' शब्द कहीं-न-कहीं धर्मों या उनकी शाखाओं के प्रसंग से जुड़ा हुआ है।
'Communal' और 'सांप्रदायिक' का अर्थ-भेद समझने के बाद अब हम आते हैं स्टेट या राष्ट्र, संगठन और व्यक्ति के सन्दर्भ में इन शब्दों के प्रयोग पर।
पहले हम 'सांप्रदायिकता' की अवधारणा के सन्दर्भ में यह सवाल पूछते हैं कि क्या एक राष्ट्र सांप्रदायिक हो सकता है ? (अभी व्यक्तियों और संगठनों को छोड़ दें।) यदि हाँ या ना, तो किस आधार पर किसी राष्ट्र को असाम्प्रदायिक, सांप्रदायिक, कम या अधिक सांप्रदायिक घोषित किया जा सकता है? यह प्रश्न अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। मैं इस लेख में कुछ मानक सामने रखूँगा, जिन्हें व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।
किसी राष्ट्र के सांप्रदायिक होने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं : 1) उसके संविधान में ही बहुसंख्यक समाज के मजहब को स्टेट-रिलिजन या 'प्रथम धर्म' का दर्जा दे दिया गया हो; 2) देश या स्टेट-अफरयर्स को बहुसंख्यक समाज के धर्म या उसकी किसी शाखा के सिद्धांतों के आधार पर चलाया जाता हो; 3) उस देश का ब्लेस्फेमि या ईश निंदा कानून सिर्फ या प्रमुख रूप से बहुसंख्यक समाज के धर्म या संप्रदाय की किताब या प्रतीक-पुरुषों के अपमान को दंडनीय मानता हो; 4) उस देश में धार्मिक या साम्प्रदयिक अल्पसंख्यकों की जनसंख्या सामान्य तौर पर कमती जा रही हो; 5) धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता हो।
कोई देश उपर्युक्त लक्षणों की उपस्थिति के आधार पर एक सांप्रदायिक देश कहा जा सकता है। इन लक्षणों की उपस्थिति नहीं रहने की स्थिति में उस देश को 'सेक्युलर' या धर्म-निरपेक्ष कहते हैं। (क्रमशः)
पी के सिद्धार्थ
8252667070
तिथि : 9 अक्टूबर, 2016
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